64 लाख नए बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन
देश में सब्सिडी छोड़ने की पहल का डंका खूब गूंजा। 1.05 करोड़ परिवारों ने
स्वैच्छिक रूप से एलपीजी सब्सिडी को त्याग दिया, ताकि सब्सिडी का लाभ
ज़रूरतमंद उपभोक्ताओं को मिल सके।
वित्त वर्ष 2015-16 में करीब 64 लाख नए बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन
जारी किए गए। वाराणसी को दो वर्षों में पाइप लाइन के जरिए रसोई गैस मुहैया
कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी गंगा ऊर्जा योजना की
शुरुआत की गई। यह योजना वाराणसी के बाद, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम
बंगाल के लोगों की ज़रूरतों को भी पूरा करेगी। यह योजना पांच राज्यों के 40
ज़िलों और 26 गांवों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगी।
यह योजना तीन बड़े उर्वरक संयंत्रों के पुनरुत्थान के लिए मार्ग प्रशस्त
करेगी। यह 20 से अधिक शहरों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देगी और 7 शहरों
में गैस नेटवर्क का विकास करने में मदद करेगी, जिसके परिणामस्वरूप, बड़ी
संख्या में नौकरियों की संभावना बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों के दौरान देश में
रिफाइनिंग क्षमता में काफी अधिक वृद्धि हुई है। पारादीप रिफाइनरी के चालू
से वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान रिफाइनिंग क्षमता में 15 मिलियन मीट्रिक टन
प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता का विस्तार हुआ है। इस वृद्धि के साथ,
अब रिफाइनिंग क्षमता 230.066 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष पर पहुंच गई है।
सरकार ने घरेलू स्तर पर मांग को पूरा करने के लिए देश में तेल और गैस का
उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नीतिगत पहल और प्रशासनिक उपाय किए हैं। सरकार ने
विभिन्न चरणों के अंतर्गत 01 अप्रैल 2017 से देशभर में बीएस-4 ऑटो ईंधन के
कार्यान्वयन को अधिसूचित कर दिया है। यह निर्णय लिया गया है कि देश बीएस -4
से सीधे बीएस -6 ईंधन के मानकों पर पहुंचेगा और बीएस -6 मानकों को 1
अप्रैल, 2020 से लागू कर दिया जाएगा। इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम
रिज़र्व्स लिमिटेड (आईएसपीआरएल) ने विशाखापट्टनम, मैंगलोर और पादुर में तीन
स्थानों पर 5.33 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) की भंडारण क्षमता के साथ
स्ट्रेटेजिक क्रूड ऑयल के भंडारण का निर्माण किया है।
सरकार ने राष्ट्रीय तेल कम्पनियां ओएनजीसी और ओआईएल द्वारा किए गए 69
हाइड्रोकार्बन खोजों से मुनाफा कमाने और धन अर्जित करने के लिए खोजी लघु
क्षेत्र नीति को भी मंजूरी दी है। ये वही परियोजनाएं हैं, जहां पृथक स्थान,
भंडारण का छोटा आकार, उच्च विकास लागत, तकनीकी बाधाएं, वित्तीय व्यवस्था
आदि विभिन्न कारणों से कई वर्षों से धन अर्जित नहीं किया जा सका है। यह
गुवाहाटी, बोंगाइगांव और नुमालिगढ़ रिफाइनरी के विस्तार, नुमालिगढ़ में
बायो-रिफाइनरी की स्थापना और राज्य में प्राकृतिक गैस, पीओएल एवं एलपीजी
पाइपलाइन के नेटवर्क को विकसित करने का प्रस्ताव करता है। हाइड्रोकार्बन
विजन डॉक्यूमेंट 2030, पूर्वोत्तर में तेल और गैस क्षेत्र में वर्ष 2030 तक
1.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव करता है।