कबाड़ अब कबाड़ नहीं रहा
अब कूड़ा-करकट को कूड़ा नहीं समझना चाहिए क्योंकि कूड़ा का भी अपेक्षित उपयोग करें तो कूड़ा भी दौलत उगलेगा। बस समझदारी की जरुरत है क्योंकि देश-दुनिया में खोज-शोध के नित नये आयाम गढ़े जा रहे हैं। समझदारी है तो कूड़ा करकट व गंदगी से भी कुछ न कुछ हासिल किया जा सकता है।
कूड़ा-करकट व गंदगी से कुछ बिनने वालों को देख कर भले ही नाक-भौं सिकोड़ने वालों को कुछ न दिखता हो लेकिन बिनने वालों की जिन्दगी तो उसी कूड़ा करकट व गंदगी से ही चलती है। कूड़ा से चाहे खाद बनाने की बात हो या फिर कूड़ा से बिजली बनाने की बात हो, कहीं न कहीं कूड़ा अपनी उपयोगिता को सार्थक साबित कर रहा है। अब कूड़ा चाहे घरेलू हो या मेडिकल कचरा हो या फिर इलेक्ट्रानिक कचरा हो। कूड़ा को जैविक व अजैविक श्रेणी में छांट-बांट कर अलग-अलग करने के बाद उसकी उपयोगिता को बढ़ाया जा सकता है। जैविक कूड़ा-कचरा से खाद का उत्पादन किया जा सकता है तो अजैविक कूड़ा का उपयोग र्इंट व टाइल्स बनाने में किया जा सकता है।
मेडिकल कचरा से भी उपयोगी तत्व निकाले जा सकते हैं। इलेक्ट्रानिक कूड़ा-कचरा भी कम उपयोगी नहीं क्योंकि इसमें स्टील व तांबा जैसी कीमती धातुओं की उपस्थिति बहुतायत में होती है। इलेक्ट्रानिक कचरा में फ्रीज, टीवी, मोबाइल, टैबलेट व लैपटॉप आदि बेकार हो जाने के बाद फेंक दिये जाते हैं। इनमें स्टील व तांबा जैसी कीमती धातुयें होती हैं। हालांकि इसको छांट-बीन कर अलग किया जा सकता है। स्टील व तांबा जैसी धातुओं को रिसाइकिल कर नये सिरे से उपयोगी बनाया जा सकता है।
विदेश की एक कम्पनी आउरुबिस डेढ़ सौ टन इलेक्ट्रानिक कचरा का दैनिक उपयोग करती है। इससे उसे तांबा व स्टील सहित कई अन्य बहुमूल्य धातुयें मिलती हैं। जिसका रिसाइकिलिंग के लिए उपयोग किया जाता है। यूरोप की इस कम्पनी में सालाना करीब 41 हजार टन तांबा का उत्पादन होता है। कबाड़ से निकले इस तांबा का रिसाइकिलिंग कर इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने के अलावा कई अन्य क्षेत्र में इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि तांबा की खानें मुख्य तौर से चिली, ब्रााजील व कनाड़ा आदि में पायी जाती है लेकिन यूरोप की यह कम्पनी देश-दुनिया में तांबा की मांग को काफी हद तक पूरा करती है।
इसी तरह से प्लास्टिक के कबाड़ को भी रिसाइकिलिंग कर पाइप या अन्य उत्पाद बनाने के काम में लाया जा सकता है। हालांकि देश में अभी रिसाइकिलिंग का प्रचलन काफी कम दिखता है जबकि दुनिया के कई देश रिसाइकिलिंग में काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। बात चाहे खराब व गंदे पानी की हो या फिर इलेक्ट्रानिक कबाड़ सहित किसी अन्य बेकार वस्तु की हो। रिसाइकिलिंग से धातुओं व अन्य खनिज के भण्डारण को लम्बे समय तक उपयोग में ला सकते हैं।
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